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कम्प्यूटर की क्षमताएॅ एवं उसकी सीमाएॅ

आजकल कम्प्यूटर प्रतिदिन की बोलचाल मे प्रयुक्त होने वाला एक जाना पहचाना शबद है। आज हमारे दैनिक जीवन में हर क्षेत्र में कम्प्यूटर ने अपना स्थान बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है। कम्प्यूटर शबद अंग्रेजी भाषा की Computer क्रिया से बना है, जिसका अर्थ है — ''गणना करना'' अत: कम्प्यूटर का शाब्दिक अर्थ है — गणना करने वाला। दूसरे शब्दों में, कम्प्यूटर ऐसी मशीन है, जो गण्नायें करने में हमारी सहायता करती हैै। हालांकि आजकल कम्प्यूटरों का जो रूप प्रचलित है और उनका जो उपयोग किया जाता है, उसमें गणना करना अर्थात् जोड़ना, घटाना, गुणा, भाग आदि गणितीय क्रियायें करना तो उसके द्वारा किये जाने वाले बहुत से कार्यो का एक छोटा — सा भाग मात्र है। प्रारम्भ मे कम्प्यूटर की कल्पना और विकास एक ऐसे यंत्र के रूप में की गयी थी, जो तेज गति से गणनाएॅ कर सकें। बाद में इसकी विलक्षण क्षमताओं और विशेषताओं को देखकर इसका उपयोग बहुत से कार्यो में किया जाने लगा।
आज के समय ​में किसी भी कार्य को सम्पन्न करना कम्प्यूटर की Capability  के अंतर्गत आता है। जैसे — सभी प्रकार के हिसाब—किताब टेलीफोन के बिल, परीक्षाओं के परिणाम, रेलवे रिजर्वेशन इत्यादि। पहले से सभी कार्य Manual रूप से किये जाते थे। परन्तु इन कार्यो को Manual करने में एक तो समय और श्रम लगता है, दूसरे गलतियों के होने की संभावनायें बनी रहती है, जिससे कार्य अधिक अच्छा, जल्दी और कम मेहनत में पूरा हो जाये।
      कम्प्यूटरों के गुणों को देखते हुये इन पर किये जाने वाले कार्यो की संख्या और मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। आज हम कम्प्यूटरों पर इतने अधिक निर्भर हो गये हैं कि बहुत से कार्य बिना इनकी मदद के कर पाना असम्भव सा लगने लगा है। जैसे — रेलगाड़ियों में सीटों के आरक्षण का कार्य दशकों से हाथ से ही किया जाता रहा है, लेकिन आजकल लगभग सारा ही आरक्षण का कार्य कम्प्यूटरों द्वारा किया जा रहा है और इन पर हमारी निर्भरता इतनी बढ़ गयी है कि यदि एक दिन भी कम्प्यूटर खराब हो जाये तो ​बहुत — सी रेले ठप्प हो जायेंगी या खाली चलेंगी। दूसरे शब्दों में, अब कम्प्यूटर के बिना आरक्षण का कार्य करने की कल्पना ही कठिन हो गयी है। प्रत्येक वस्तु में कई योग्यताओं के अलावा उसकी सीमायें भी होती हैं। कम्प्यूटर भी इसका अपवाद नही है। कम्प्यूटरों का प्रयोग हर व्यक्ति नहीं कर सकता है क्योंकि कम्प्यूटर का प्रयोग करने से उस व्यक्ति पर अतिरिक्त खर्च का बोझ पड़ जायेगा। इसके अतिरिक्त छोटी आॅर्गेनाइजेशन में भी थोड़ा कार्य Manually अच्छे ढंग से हो सकता है और वहॉ पर कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाये तो उसे आॅपरेट करने के लिये अतिरिक्त Man Power की आवश्यकता होगी। यदि कम्प्यूटर खराब हो जाता है तो सभी कार्य तब तक रूक जायेंगे जब तक कि कम्प्यूटर सही नहीं हो जाता है। कम्प्यूटर के द्वारा तब तक कोई कार्य सम्पन्न नहीं हो सकता है जब तक कि वे इसे आॅपरेट करने वाला व्यक्ति् न हो, अत: कम्प्यूटर बिना मनुष्य की सहायता के ​कार्य नहीं कर सकता है।