मॉनीटर के गुण
मॉनीटर के प्रमुख गुण निम्नलिखित है —
- रिजॉल्यूशन (Resolution) — यह मॉनीटर का महत्वपूर्ण लक्षण है। रिजॉल्यूशन मॉनीटर पर प्रदर्शित चित्र की स्पष्टता को प्रकट करता है। अधिकतर डिस्पले डिवाइसेज में चित्र (Image) स्क्रीन के छोटे — छोट डॉट (Dots) से मिलकर बनता है। ये छोटे — छोटे डॉट पिक्सेल कहलाते है। पिक्सेल शब्द Picture Elements का संक्षिप्त रूप है। स्क्रीन पर इकाई क्षेत्रफल में पिक्सेलों की संख्या रिजॉल्यूशन (Resolution) को व्यक्त करती है। स्क्रीन पर जितने अधिक पिक्सेल होंगे, स्क्रीन का रिजॉल्यूशन उतना ही अधिक होगा तथा चित्र स्पष्ट दिखाई देगा। 640 by 480 रिजॉल्यूशन का अर्थ है कि स्क्रीन 640 डॉट के Column और 480 डॉट की पॅक्तियों (Rows) से बनी है। Text या Characters स्क्रीन पर डॉट — मैट्रिक्स से बनते है। सामान्यतया एक स्क्रीन पर 65 Characters की 25 Rows डिस्पले की जा सकती हैं।
- डॉट पिच (Dot Pitch) - डॉट पिच के द्वारा हमें यह पता चलता है कि प्रत्येक पिक्सेल (Pixel) के मध्य कितना ऊध्वा्रधर अन्तर है? डॉट मिलीमीटर में नापी जाती है। डॉट पिच की Phosphor Pitch भी कहते हैं। यह डिस्प्ले मॉनीटर की गुणवत्ता Quality को स्पष्ट करता है। एक कलर मॉनीटर की डॉट पिच की रेन्ज Range सामन्यतया 0.15 mm से 0.30 mm तक होती है।
- इन्टरलेस्ड व नॉन — इन्टरलेस्ड (Interlaced or Non - Interlaced) — इन्टरलेसिंग एक ऐसी तकनीक है जो मॉनीटर के डिस्प्ले रिजॉल्यूशन को अत्यधिक प्रभावी बना देती है तथा गुणवत्ता को बढ़ा देती है। इन्टरलेसिंग मॉनीटर के साथ इलैक्ट्रॉन गन केवल आधी लाइन खींचती थी, क्योंकि इन्टरलेसिंग मॉनीटर एक समय में केवल आधी लाइन को ही रीफ्रेश करता है तथा यह मॉनीटर प्रत्येक रिफ्रेश साईकिल पर दो से अधिक लाइनों को प्रदर्शित करती थी। इन्टरलेसिंग वही रिजॉल्यूशन दर्शाता है जो नॉन—इन्टरलेसिंग दर्शाता है। लेकिन इसका वहन कम होता है। इन्टरलेसिंग एनीमेशन एवं विजुअल प्रोग्राम के लिए उपयुक्त नहीं है। कार्य तो दोनों Monitors का एक—सा ही होता है, किन्तु नॉन — इन्टरलेसिंग मॉनीटर ज्यादा अच्छा होता है।
- विट मैपिंग (Bit Mapping) — प्रारम्भ में डिस्प्ले डिवाइसेज केवल Character Addressable होती थी जो केवल Text को ही डिस्प्ले करती थी। स्क्रीन पर भेजा जाने वाला प्रत्येक कैरेक्टर समान आकार और एक निश्चित संख्या के पिक्सलों (Pixels) के ब्लॉक (समूह) का होता है।
- ग्राफिक्स डिस्प्ले डिवाइस की मांग बढ़ने पर मॉनीटर निर्माताओं ने बहुउपयोगी डिस्प्ले डिवाइसेज विकसित की, जिनमें Text और Graphics दोनों डिस्प्ले हो सके। ग्राफिक्स आउटपुट डिस्प्ले के लिये विट मैपिंग Bit mapping तकनीक प्रयोग में लायी जाती है। इस तकनीक में विट मैप ग्राफिक्स का प्रत्येक पिक्सेल आॅपरेटर द्वारा स्क्रीन पर बना सकता है।
- टैक्स्ट और ग्राफिक्स — आउटपुट जब अक्षरों, चिन्हों और अंकों में प्राप्त होता है तो इसे टैक्स्ट (Text) आउटपुट कहते हैं। जबकि चित्र फोटोग्राफ या रेखाचित्र के रूप को ग्राफिक्स (Graphics) कहते है। आजकल आने वाली अधिकतर डिस्प्ले डिवाइसेज टैक्स्ट और ग्राफिक्स दोनों प्रकार के आउटपुट डिस्प्ले करने में सक्षम हैं।