कम्प्यूटर्स के भाग (Parts of Computer) & Compter यूजर और साॅफ्टवेयर के साथ मिलकर एक प्रणाली के रूप में कार्य करता है, जिसे कम्प्यूटर प्रणाली (Computer System) कहते है। इस कम्प्यूटर प्रणाली में प्रायः सिस्टम यूनिट, माउस, की बोर्ड, प्रिन्टर, माॅनीटर उपयोग किये जाते हैं। कम्प्यूटर के ये भाग आपस में जुडे़ होत है तथा मिल-जुलकर कार्य करते है।
- कम्प्यूटर हार्डवेयर (Computer Hardware) – कम्प्यूटर के यांत्रिक, वैद्युत तथा इलेक्ट्राॅनिक भाग कम्प्यूटर हार्डवेयर कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते है कि कम्प्यूटर सिस्टम के ऐसे भाग को जिसे आसानी से छूकर महसूस किया जा सके, कम्प्यूटर हार्डवेयर कहते है। एक कम्प्यूटर स्स्टिम में इनपुट, आउटपुट डिवाइसेज, स्ओरेज, प्रोसेसिंग व कन्ट्रोल डिवाइसेज हार्डवेयर कहलाते हैं।
- सी. पी. यू. (CPU) – सी. पी. यू. कम्प्यूटर का दिमाग होता है, इसका प्रमुख कार्य प्रोग्रामों को क्रियान्वित करना है। इसके अलावा कम्प्यूटर के सभी भागों जैसे - मेमोरी इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज के कार्यो को भी नियन्त्रित करती है। एक कम्प्यूटर में एक से ज्यादा माइक्रोप्रोसेसर हो सकते हैं। सी. पी. यू. को पुनः तीन भागों में बाॅटा जा सकता है - (1) सी. यू. (Control Unit – CU) (2) ए. एल. यू. (Arithmetic & Logic Unit – ALU) (3) मेमोरी (Memory – MU)
- सी. यू (Control Unit – CU) – सी. यू. हार्डवेयर की क्रियाओं को नियंत्रित और संचालित करता है। यह इनपुट-आउटपुट क्रियाओं को नियंत्रित करता है, साथ ही मेमोरी और ALU के मध्य डाटा के आदान-प्रदान को निर्देशित करता है। यह प्रोग्राम को क्रियान्वित करने के लिये निर्देशो को मेमोरी से प्राप्त करता है। निर्देशो को विद्युत संकेतों में परिवर्तित करके यह उचित डिवाइसेज तक पहुॅचाता है, जिससे डाटा प्रक्रिया का कार्य सम्पन्न हो सके। सी. यू. को कम्प्यूटर का दिमाग भी कहते है।
- ए. एल. यू. (Arithmetic & Logic Unit – ALU) – इसको ALU भी कहते हैं। यह यूनिट डाटा पर अंकगणितीय क्रियायें (जोड़, घटाना, गुणा व भाग) और तार्किक क्रियायें (Logical Operations) करती हैं। ए. एल. यू. (ALU) कंट्रोल यूनिट से निर्देश लेता है। यह मेमोरी से डाटा को प्राप्त करता है तथा प्रोसेसिंग के पश्चात् सूचना को मेमोरी में लौटा देता है। ए. एल. यू. के कार्य करने की गति अति तीव्र होती है। यह लगभग 10,00,000 गणनायें प्रति सैकेण्ड की गति से करता है।
इसमे कई रजिस्टर और एक्यूमुलेटर होते हैं जो गणनाओं के दौरान प्दजमतउमकपंजम रिजल्ट को संग्रह करते है। ए. एल. यू. प्रोग्राम के आधार पर कंट्रोल यूनिट के बताये अनुसार सभी डाटा मेमोरी से प्राप्त करके ।बबनउनसंजवत में रख लेता है।
- मेमोरी (Memory – MU) – मेमोरी डाटा, निर्देशों और परिणामों के आउटपुट को संग्रह करके रखती है। यह कम्प्यूटर का महत्वपर्ण भाग है, जहां डाटा तथा प्रोग्राम के दौरान स्थित रहते हैं और आवष्यकता पड़ने पर तुरन्त उपलब्ध होते हैं। मेमोरी की प्राथमिकता या मेन मेमोरी (Main Memory) भी कहते हैं। कम्प्यूटर की मेमोरी Cells या Location में विभाजित होती है। प्रत्येक Cell का अपना एक Address होता है जिसके द्वारा हम उसको Refer करते है। मेमोरी की क्षमता 4MB से लेकर 1GB या इससे भी अधिक हो सकती है। कम्प्यूटर की मेन मेमोरी निम्नलिखित दो प्रकार की होती है -
- रैम या रैनडम एक्सेस मैमोरी (RAM – Random Access Memory)
- रोम या रीड ओनली मेमोरी (ROM – Read Only Memory)
- पेरीफेरल्स (Peripherals) – इनपुट डिवाइसेज, आउटपुट डिवाइसेज और सेकेण्डरी स्टोरेज डिस्क, टेप फ्लाॅपी आदि को पेरीफेरल्स कहा जाता है।
इनपुट डिवाइसेज (Input Devices) – वे उपकरण या डिवाइसेज जिनकी सहायता से हम डाटा एवं निर्देश कम्प्यूटर को प्रेषित करते हैं, इनपुट डिवाइसेज कहलाती हैं। इनपुट डिवाइसेज कम्प्यूटर एवं मानव के मध्य सम्पर्क (Communication) की सुविधा प्रदान करती हैं। इनपुट डिवाइसेज डाटा और निर्देशों को कम्प्यूटर के समझने योग्य संकेतों (1 और 0 के Bit) में परिवर्तित करके कम्प्यूटर को प्रेषित करती है। इनपुट डिवाइसेज (Input Devices) के मुख्य उदाहरण निम्न प्रकार है -1. की बोर्ड (Key – board)2. माउस (Mouse)
3. स्कैनर (Scanner)4. जाॅयस्टिक (Joystick)5. ट्रैक वाल (Track Ball)6. लाइटपेन (Light pen)7. टच स्क्रीन (Touch Screen)8. ग्राफिक टेबलेट (Graphic Tablet)
- आउटपुट डिवाइसेज (Output devices) – आउटपुट डिवासेज के द्वारा कम्प्यूटर से प्राप्त परिणामों को प्राप्त किया जाता है। इन परिणामों को प्रायः डिस्पले डिवाइसेज (स्क्रीन) या प्रिंटर के द्वारा यूजर को प्रस्तुत किया जाता है। कुछ महतवपूर्ण आउटपुट डिवाइसेज निम्नलिखित है -
- माॅनीटर (Monitor)
- प्रिंटर (Printer)
- प्लाॅटर (Plotter)
- स्पीकर (Speaker)
माॅनीटर में एक टी. वी. के समान कैथोड किरण ट्यूब (Cathode Ray Tube – CRT) होती है। माॅनीटर के द्वारा हम प्रोग्राम की साफ्ट काॅपी (Soft Copy) देख सकते हैं तथा प्रिंटर से उसकी हार्डकाॅपी (Hard Copy) प्राप्त कर सकते है।
- कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर (computer Software) – कम्प्यूटर मे किसी निश्चित कार्य को सम्पन्न कराने के लिये कम्प्यूटर को दिये जाने वाले निर्देषों के समूह को प्रोग्राम कहते है। ये प्रोग्राम (Program) कम्प्यूटर भाषा में कम्प्यूटर प्रोग्रामर द्वारा तैयार किये जाते है तथा इन प्रोग्रामों के समूह को साॅफ्टवेयर कहते है। साॅफ्टवेयर ना तो देखे जा सकते है और ना ही इन्हें छुआ जा सकता है। कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर मानव और हार्डवेयर के मध्य सम्पर्क स्थापित करता है। कम्प्यूटर साॅफ्टवेयर निम्न प्रकार के होते है -
- सिस्टम साॅफ्टवेयर (System software)
- एप्लीकेशन साॅफ्टवेयर (Application Software)
- यूटिलिटी साॅफ्टवेयर (Utility Software)
सिस्टम साॅफ्टवेयर के उदाहरण आॅपरेटिंग सिस्टम तथा Translator है तथा एप्लीकेशन साॅफ्टवेयर के उदाहरण -MS – Word, MS – Excel, Power – Point, CorelDraw, Tally आदि हैं।