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Presentation Graphics

  •  प्रजेंटेंशन ग्राफिकस क्या है? प्रजेंटेशन ग्राफिक्स के विभिन्न कार्य क्या है? What is presentation graphics? What are the various functions of a presentation graphics.

उत्तर — प्रजेंटेंशन ग्राफिकस ( Presentation Graphics) — एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसकी सहायता से आप श्रोताओं के सम्मुख एक कम्प्यूटर की स्क्रीन पर एक प्रोग्राम को प्रस्तुत कर सकते हैं। इसकी सहायता से आप श्रोताओं के सम्मुख प्रस्तुत किया जाने वाला कोई शैक्षिक प्रस्तुतीकरण तैयार कर सकते है। ऐसे प्रस्तुतीकरण वास्तव में स्लाइड़ों पर आधारित होते हैं और प्रोग्राम की सहायता से आप अलग — अलग स्लाइड़ों को स्वतंत्र रूप से तैयार कर सकते हैं। प्रत्येक स्लाइड पर पाठ्य के साथ ही चित्र लगाने तथा बनाने की सुविधाओं भी उपलब्ध होती है। अन्त में सभी स्लाइड़ों को किसी निर्धारित क्रम में एक — एक करके दिखाया जाता है। स्लाइड़ों को दिखाने में कम्प्यूटर से जुडे हुये किसी प्रोजेक्टर की सहायता ली जा सकती है और कम्प्यूटर की स्क्रीन पर उसका पूर्वाभयास किया जा सकता है। पॉवर पॉइंट (Power Point ) अत्यधिक लोकप्रिय प्रजेंटेशन ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर है। 

प्रजेंटेशन ग्राफिक्स के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं — 

  1. इस प्रोग्राम के द्वारा सेमिनारों, सभाओं, प्रशिक्षणों आदि में प्रस्तुत करने के लिये स्लाइडों पर आधारित सामग्री तैयार की जा सकती है। 
  2. इस प्रोग्राम के द्वारा कई स्लाइडें तैयार की जाती हैं, जिन्हें प्रस्तुतीकरण के लिये किसी भी क्रम तथा स्टाइल में लगाया जा सकता है। 
  3. स्लाइडों से आप टैम्पलेट या हैंडआउट (Handout) तथा नोट्स (Notes) भी छाप सकते हैं।  इस प्रोग्राम में प्रस्तुतीकरण की कई स्टाइलें पहले से उपलब्ध है, जिनमें से आप अपनी इच्छानुसार किसी भी स्टाइल को चुनकर उसका प्रयोग कर सकते है, या उसको सुधार कर उपयोग में ला सकते हैं।
  4. इस प्रोग्राम के द्वारा आप प्रत्येक स्लाइड का समय भी सैकण्डों में निश्चित कर सकते है ताकि उतनी देर में आप उस स्लाइड से सम्बन्धित विषय पर बोल सकें। 
  5. इस प्रोग्राम के द्वारा आप किसी भी स्लाइड पर एक एनीमेशन प्रभाव को भी डाल सकते हैं। 

  • डिजिटल आॅडियों टेप से आप क्या समझते हैं? What do you understand by Digital Audio Tapes?

उत्तर — डिजिटल आॅडियों टेप — आॅडियों टेप का प्रयोग हम गाने सुनने के लिये करते हैं। साधारण आॅडियों टेप में गाने analog फॉमेंट में स्टोर होते हैं। जैसा कि इसके नाम से प्रतीत होता है कि डिजिटल में डाटा डिजिटल फॉमेंट में स्टोर होता है। इसी तरह डिजिटल आॅडियों टेप में भी डाटा डिजिटल फॉमेंट में स्टोर होता है। डिजिटल आॅडियों टेप का प्रयोग डिजिटल फॉमेट में स्टोर किये गये गाने सुनने के लिये किया जाता है। डिजिटल आॅडियों टेप में गाने बाइनरी फॉमेंट 0 तथा 1 के रूप में स्टोर होते है। डिजिटल आॅडियों टेप डिवाइस, डिजिटल तकनीक से बनी होती है। इसमें कम स्पेस में ज्यादा गाने स्टोर होते है। इस डिवाइस का प्रयोग इम कहीं भी कर सकते हैंं। इस डिवाइस को क्रियान्वित करने के लिये डिजिटल सॉफ्टवेयर होता है। इस सॉफ्टवेयर को हम कम्प्यूटर में Install  करते है तथा डिजिटल डिवाइस के कम्प्यूटर से कनेक्ट करके हम गाना सुन सकते हैं। 

  • सीरियल एक्सेस मेमोरी क्या है? What is a serial memory?

उत्तर — ये पुरानी फाइलों का बैकअप लेने के लिये बहुत सुरक्षित और सस्ते साधन माने जाते है। ये प्रारम्भ से ही कम्प्यूटरों में उपयोग किये जा रहे हैं और अभी भी इनका उपयोग किया जाता है। ये प्लास्टिक का आधा इंच या 127 मिमी. चौड़ा तथा सैकड़ों फीट लम्बा फीता होता है, जो एक चक्के पर लिपटा होता है। इसकी एक सतह पर किसी चुम्बकीय पदार्थ पतली पर्त लगी होती है। इसी पर्त पर चुम्बकीय चिन्ह बनाकर डाटा लिखा जाता है। Tape को एक इंच लम्बाई में 800 से लेकर 6250 बाइटें तक लिखी जा सकती हैं। टेप की लम्बाई 200 फीट से 3600 फीट तक होती है। यह मेमोरी टेप के नाम से भी जानी जाती है।

         क्योकि यह Sequential माध्यम है। इसका अर्थ है कि इस डाटा को लिखने या पढ़ने का कार्य एक सिरे से दूसरे सिरे तक क्रमश: किया जाता है। इस बीच में लिखना — पढ़ना शुरू नहीं कर सकते हैं। यदि हमें बीच में भरी हुई कोई फाइल पढ़नी हो तो उससे पहले का सारा टेप धीरे — धीरे छोड़ना पड़ता है। लेकिन इन टेपों की विश्वसनीयता बहुत अधिक होती है और ये सैकड़ों वर्षो तक भी सुरक्षित रहते हैं। इसलिये इनका प्रयोग ऐसे डाटा को रखने में किया जाता है, जिसे लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सके। 

  • विभिन्न डाटा  Retrieval Methods को लिखिये एवं उनकी कार्यप्रणाली को समझाइये। Write various data retrieval methods and explain their working.

उत्तर — Retrieval Methods को तीन भागों में बॉटा गया है, जो निम्​नलिखित है — 

  • सीधे एक्सेस संग्रह (Direct Access Storage) — सीधे  Access द्वारा हम Output को किसी भी क्रम में प्राप्त कर सकते हैं। चाहे वह पहले एक निश्चित क्रम मेें हो, लेकिन Direct Access में यह जरूरी नहीं है। यहॉ हमें डाटा किसी भी क्रम में प्राप्त हो सकता है। उदाहरण के लिये, जब हम ग्रामोफोन में कोई गतीत सुनते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि हम एक के बाद एक गीत को सुने। हम चाहें तो Direct कोई भी गीत सुन सकते हे। इसके लिये हमें क्रम की आवश्यकता नहीं होती है। 
  • क्रमिक एक्सेस संग्रह (Sequential Access Storage) — क्रमिक एक्सेस संग्रह, Direct Access  से बिल्कुल विपरीत है। इसके अन्तर्गत हमको डाटा एक  Sequence से ही प्राप्त होता है। अब चाहे डाटा छोटा हो या बड़ा, इस प्रकार हम जान सकते हैं कि क्रमिक एक्सेस संग्रह के अनुसार हमको डाटा उसी क्रम में प्राप्त होता है जिस क्रम मेे हमने उसका संग्रहण किया था। 
उदाहरण — माना रोल न. के आॅकड़े फाइल में बगैर किसी क्रम के संग्रहित किये गये है। जब हम इनको कम्प्यूटर से एक्सेस कराते है तो नाम के वर्णमाला क्रमानुसार या रोल न. के बढ़ते क्रम में ये आॅकड़े हमें प्राप्त नहीं होगें, जिस क्रम में प्रविष्ट किये गये थे उसी क्रम मे प्राप्त होगें। 
  • इंडेक्स सिक्वेन्शियल अभिगम विधि ( Index Sequential Access Method) — इस विधि के अनुसार इसमें डाटा क्रम में ही व्यवस्थित होते है, लेकिन जहॉ पर डाटा संग्रहित किया जाता है वहॉ पर Index बना होता है तथा इंडेक्स के अन्दर प्रत्येक पता एवं उसका रिकॉर्ड मौजूद रहता है। उदाहरण के तौर पर हम पुस्तक की Index  को देख सकते है। जिसमें प्रत्येक डाटा की सूचना उपस्थित होती है।